जग में वीर कहां है अब

लक्ष्मण रेखा खींच सके जो, ऐसा धीर कहां हैं अब ?

लक्ष्य भेदकर आने वाला, असली तीर कहां है अब ।?

काली रस्सी को ज़हरीला सांप बताती है दुनियां ।

राजगुरू सुखदेव भगत सा जग में वीर कहां है अब ।?

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कविता

खिड़कियों पर जालियां हैं, ये पता कैसे चले ? युद्ध की तैयारियां हैं, ये पता कैसे चले ? तन बदन की सब नसें दुखने लगीं हैं इन दिनों, कौन सी बीमारियां हैं, ये पता कैसे चले ? बैग में हथियार होंगे, ये हमें अनुमान था, कील हैं या आरियां हैं, ये पता कैसे चले ? […]

भारत बन्द नहीं होने देंगे

भारत माता की गति को अब मंद नहीं होने देंगे, इंसानों से इंसानों का द्वंद नहीं होने देंगे । प्यार मोहब्बत बांटेंगे हम, नफ़रत के बाजारों में, भारत में रहकर हम भारत बन्द नहीं होने देंगे ।।

बैठे हैं

हाथ में लेके ताज, बैठे हैं, जाओ मिल लो, वो आज बैठे हैं ।। नन्हीं चिड़ियों को कैद में रखना, इन बगीचों में बाज बैठे हैं ।।