बांधे हैं हाथ हमने, दुश्मन को ये भरम है ! है वक्त अब दिखा दो बाजू में कितना दम है !! जिस देश की ज़मीं से मिलती है हमको ताकत ! उसके लिए ये जां भी देनी पड़े तो कम है !!
हमने जहां में सबको देखा है आजमाकर, मतलब नहीं रखेंगे अब हम किसी से ज्यादा ।। उसकी फिकर ‘ चरौरा ‘ करना तू छोड़ दे अब, आता नहीं है कुछ भी उसे शायरी से ज्यादा ।।